नमस्कार दोस्तों, आज हम पढ़ेंगे की भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 की धारा 67 महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के बारे में एवं पूर्ण जानकारी देंगे कि यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 67 क्या कहती है और इसका क्या अभिप्राय है? साथ ही हम आपको Bhartiya Nyaay Sanhita (बीएनएस) की धारा 67 के अंतर्गत [अलगाव के दौरान पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ या अधिकार प्राप्त व्यक्ति द्वारा संभोग] की परिभाषा इत्यादि की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
Law Dharavahik
द्वारा विवरण
बीएनएस धारा 67
जो पत्नी के साथ बलात्कार से संबंधित अपराध
यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ, जो अलग रह रही है, उसकी सहमति के बिना संभोग करता है। तो उसे 2 साल से लेकर 7 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है। यह धारा तब लागू होती है। जब पत्नी अलगाव की डिक्री के तहत या अन्यथा अलग रह रही हो। यह धारा पत्नी के साथ बलात्कार को एक गंभीर अपराध मानती है और इसके लिए इसमें सजा का प्रावधान है।
BNS Section 67
पुस्तक द्वारा विवरण
अलगाव के दौरान पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ या अधिकार प्राप्त व्यक्ति द्वारा संभोग
जो कोई अपनी पत्नी के साथ, जो अलग रह रही है, चाहे अलगाव की डिक्री के तहत या अन्यथा, उसकी सहमति के बिना संभोग करता है, उसे किसी भी अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी जो दो साल से कम नहीं होगी, लेकिन जो इसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
स्पष्टीकरण -इस धारा में, "यौन संभोग" का अर्थ धारा 63 के खंड (ए) से (डी) में उल्लिखित कोई भी कार्य होगा।
Section 67 BNS
Whoever has sexual intercourse with his own wife, who is living separately, whether under a decree of separation or otherwise, without her consent, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than two years but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
Explanation —In this section, “sexual intercourse” shall mean any of the acts mentioned in clauses (a) to (d) of section 63.
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