नमस्कार दोस्तों, आज हम पढ़ेंगे की भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 की धारा 70 महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के बारे में एवं पूर्ण जानकारी देंगे कि यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 (1),(2) क्या कहती है और इसका क्या अभिप्राय है? साथ ही हम आपको Bhartiya Nyaay Sanhita (बीएनएस) की धारा 70 और उपधारा (1),(2) के अंतर्गत [सामूहिक बलात्कार] की परिभाषा इत्यादि की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
आज हम एक ऐसे युग में रहते हैं जहां आए दिन अखबारों व सुर्खियों में सामूहिक बलात्कार के नए-नए मामले सामने आते रहते हैं। यह अपराध बहुत ही जगन्य अपराध है। यह एक ऐसा अपराध है जो एक महिला के जीवन को तबाह कर देता है और देश के कानून व्यवस्था पर अन्य तरह के सवाल भी उठता है। सामूहिक बलात्कार एक ऐसा अपराध है जिसमें एक से अधिक व्यक्ति किसी भी महिला के साथ जबरन दुष्कर्म करते हो। इस तरह के अपराध के लिए जागरूकता फैलाना व भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकना एवं अपराध से जुड़ी सभी कानूनी जानकारी प्राप्त कराना हम सभी के लिए बहुत ही जरुरी है।
Law Dharavahik
द्वारा विवरण
BNS धारा 70 की उप-धाराऐ (1),(2)
BNS 70 (1)
अगर किसी भी महिला के साथ एक या एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा एक सामान्य इरादे से बलात्कार किया जाता है। तो उसे हम सामूहिक बलात्कार कहेंगे और उनमें से हर एक व्यक्ति बलात्कार का अपराधी माना जाएगा क्यों ना ही फिर वह व्यक्ति किसी भी प्रकार का सहयोग कर रहा हो। तो वो भी इस धारा के तहत अपराधी होगा।
BNS 70 (2)
जहां अठारह वर्ष से कम उम्र की महिला के साथ एक या एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा बलात्कार किया जाता है। जोकि एक समूह बनाते हो या एक सामान्य इरादे से काम करते हो। यानि कि कोई व्यक्ति प्रत्यक्ष रूप से (Directly) बलात्कार में शामिल हो या किसी भी तरह से उसमें सहायता कर रहा हो। तो हर उस व्यक्ति को सामूहिक बलात्कार का अपराधी माना जाएगा।
बीएनएस की धारा 70 (1),(2) क्या कहती है ?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 सामूहिक बलात्कार यानी (Gang Rape) से संबंधित है। यह धारा तब लागू होती है जब दो या दो से अधिक व्यक्ति एक साथ मिलकर किसी महिला के साथ बलात्कार यानी (Rape) करते हैं। सामूहिक बलात्कार एक अत्यंत गंभीर अपराध है और इसके तहत अपराधियों को कठोर सजा का प्रावधान (Provision) है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों को रोकना और दोषियों को सख्त सजा देना है।
पुस्तक द्वारा विवरण
BNS Dhara 70 (1),(2)
सामूहिक बलात्कार
(1) जहां किसी महिला से, एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा, एक समूह गठित करके या सामान्य आशय को अग्रसर करने में कार्य करते हुए बलात्संग किया जाता है, वहां उन व्यक्तियों में से प्रत्येक के बारे में यह समझा जाएगा कि उसने बलात्संग का अपराध किया है और वह ऐसी अवधि के कठिन कारावास से, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी, किंतु जो आजीवन कारावास तक, जिससे उस व्यक्ति के शैष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
परंतु ऐसा जुर्माना पीड़िता के चिकित्सीय खर्चों को पूरा करने और पुनर्वास के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा।
परंतु यह और कि इस उपधारा के अधीन अधिरोपित कोई जुर्माना पीड़िता को संदतत किया जाएगा।
(2) जहां एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा समूह गठित करके या सामान्य आशय को अग्रसर करने में कार्य करते हुए, अठारह वर्ष से कम आयु की किसी महिला से बलात्संग किया जाता है, वहां उन व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति के बारे में यह समझा जाएगा कि उसने बलात्संग का अपराध किया है और वह आजीवन कारावास से, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत है, और जुर्माने से, या मृत्युदंड से, दंडनीय होगा।
परन्तु ऐसा जुर्माना पीडिता के चिकित्सीय खर्चों को पूरा करने और पुनर्वास के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा।
परन्तु यह और कि इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी भी जुर्माने का संदाय पीडिता को किया जाएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 70 की दो उप-धाराओं में सजा क्या दी गई है?
BNS Section 70 (1) की सजा:- किसी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के दोषी पाये जाने वाले हर एक व्यक्ति को इस गंभीर अपराध के लिए एक समान सजा दी जाएगी। इसके लिए उन्हें कम से कम 20 साल की सजा होगी, और यह सजा उनके पूरे जीवनकाल तक भी बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा दोषियों को जुर्माना भी देना होगा और यह जुर्माना उस महिला के इलाज और उसके पुनर्वास (Rehabilitation) के लिए होगा।
BNS Section 70 (2) की सजा:- 18 वर्ष से कम उम्र की किसी लड़की के साथ एक सामूहिक रुप से बलात्कार करने के दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा दी जा सकती है। इसके साथ ही अपराध की गंभीरता को देखते हुए सभी दोषी व्यक्तियों को मौत की सजा (Death Sentence) से भी दंडित (Punished) किया जा सकता है। इसके अलावा दोषियों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो पीड़िता के चिकित्सा ईलाज और पुनर्वास के लिए निर्धारित किया जाएगा।
जमानत का प्रावधान:-
- यह अपराध एक संज्ञेय यानी (Cognizable) अपराध है।
- यह एक गैर-जमानती अपराध यानी (Non-Bailable Offence) भी है।
- यह अपराध समझौता यानी (Compromise) करने योग्य नहीं है।
- यह आपराधिक सेशन ट्रायल मुकदमा है।
बीएनएस की धारा 70 जमानत का प्रावधान हो सकता है कि नहीं?
बीएनएस की धारा 70 के अनुसार किसी भी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार का अपराध बहुत ही गंभीर यानी संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। जोकि एक गैर-जमानती अपराध भी माना जाता है, जिसका मतलब है कि इस धारा के तहत आरोपी व्यक्तियों को जमानत मिलना बहुत कठिन होता है। ऐसे गंभीर अपराधों में न्यायालय केवल विशेष परिस्थितियों में ही जमानत पर विचार कर सकता है, जब यह साबित हो जाए कि आरोपी पर लगे आरोप सब गलत हैं व आमान्य है, या वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। ऐसे अपराध किसी प्रकार के समझौते के योग्य नहीं होते है।
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