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BNS Section 69 | बीएनएस धारा 69 क्या है? | Sexual intercourse by employing deceitful means is now punishable

नमस्कार दोस्तों, आज हम पढ़ेंगे की भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 की धारा 69 महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के बारे में एवं पूर्ण जानकारी देंगे कि यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 69 क्या कहती है और इसका क्या अभिप्राय है? साथ ही हम आपको Bhartiya Nyaay Sanhita (बीएनएस) की धारा 69 के अंतर्गत [प्रवंचनापूर्ण साधनों, आदि का प्रयोग करके मैथुन] की परिभाषा इत्यादि की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। Law Dharavahik  द्वारा विवरण  BNS Section 69 जो कोई भी धोखे से या बिना किसी इरादे के किसी महिला से शादी करने का वादा करता है और उसके साथ यौन संबंध बनाता है। ऐसा संभोग बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। तो उसे किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जाएगा। एक अवधि के लिए जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। पुस्तक द्वारा विवरण BNS Dhara 69 प्रवंचनापूर्ण साधनों, आदि का प्रयोग करके मैथुन  जो कोई प्रवंचनापूर्ण साधनों द्वारा या किसी महिला को विवाह करने का वचन देकर, उसे पूरा करने के किसी आशय के बिना,...

बीएनएस धारा 68 क्या है | Section 68 Bhartiya Nyaay Sanhita | Sexual intercourse by a person in authority

नमस्कार दोस्तों , आज हम पढ़ेंगे की भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 की धारा 68 महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के बारे में एवं पूर्ण जानकारी देंगे कि यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 68 क्या कहती है और इसका क्या अभिप्राय है? साथ ही हम आपको Bhartiya Nyaay Sanhita (बीएनएस) की धारा 68 के अंतर्गत [अधिकार प्राप्त व्यक्ति द्वारा संभोग] Sexual intercourse by a person in authority की परिभाषा इत्यादि की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। अधिकार प्राप्त व्यक्ति द्वारा संभोग से तात्पर्य यह है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसकी (Authority) यानी अधिकार में किसी महिला को रखा गया है और उसे व्यक्ति के द्वारा किसी महिला के साथ बलात्कार किया जाता है। तो इस धारा के तहत उसे दंडित किया जाएगा। इस 68 धारा के तहत क्या-क्या स्थितियां हो सकती हैं? ऐसा कोई व्यक्ति जिसके अधिकार में वो महिला रखी गई है फिर चाहे वह कोई रिश्तेदार क्यों ना हो। या वो कोई सरकारी अधिकारी है। या जेल, रिमांड होम, या इनके द्वारा किसी अन्य स्थान पर या फिर महिलाओं या बच्चों की संस्था का अधीक्षक या प्रबंधक...

बीएनएस धारा 67 क्या है | BNS Section 67 in Hindi | भारतीय न्याय संहिता 2023

नमस्कार दोस्तों, आज हम पढ़ेंगे की भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 की धारा 67 महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के बारे में एवं पूर्ण जानकारी देंगे कि यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 67 क्या कहती है और इसका क्या अभिप्राय है? साथ ही हम आपको Bhartiya Nyaay Sanhita (बीएनएस) की धारा 67 के अंतर्गत [अलगाव के दौरान पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ या अधिकार प्राप्त व्यक्ति द्वारा संभोग] की परिभाषा इत्यादि की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। Law Dharavahik द्वारा विवरण बीएनएस धारा 67 जो पत्नी के साथ बलात्कार से संबंधित अपराध  यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ, जो अलग रह रही है, उसकी सहमति के बिना संभोग करता है। तो उसे 2 साल से लेकर 7 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है। यह धारा तब लागू होती है। जब पत्नी अलगाव की डिक्री के तहत या अन्यथा अलग रह रही हो। यह धारा पत्नी के साथ बलात्कार को एक गंभीर अपराध मानती है और इसके लिए इसमें सजा का प्रावधान है। BNS Section 67 पुस्तक द्वारा विवरण  अलगाव के दौरान पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ या अधिकार प्राप्त ...

बीएनएस धारा 66 क्या है? | BNS Section 66 in Hindi - मौत का कारण बनने

नमस्कार दोस्तों , आज हम पढ़ेंगे की भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 की धारा 66 के बारे में एवं पूर्ण जानकारी देंगे कि यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 66 क्या कहती है और इसका क्या अभिप्राय है? साथ ही हम आपको बीएनएस की धारा 66 के अंतर्गत [मौत का कारण बनने या पीड़ित की लगातार क्षीण अवस्था के लिए सजा] की परिभाषा इत्यादि की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। BNS Section 66  मौत का कारण बनने या पीड़ित की लगातार क्षीण अवस्था के लिए सजा भारतीय न्याय संहिता की धारा 66 के तहत, बलात्कार करने के कारण पीड़िता की मौत हो जाने या लगातार वानस्पतिक अवस्था (Vegetative State) में आ जाने पर दंड का प्रावधान है। इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति बलात्कार के अपराध में शामिल होता है और उस अपराध के दौरान पीड़िता की मौत हो जाती है या वह लगातार वानस्पतिक अवस्था (Vegetative State) में आ जाता है। तो उसे कम से कम 20 साल की कठोर जेल हो सकती है और यह सज़ा आजीवन कारावास तक भी बढ़ाई जा सकती है। BNS Section 66  मौत का कारण बनने या पीड़ित की लगातार क्षीण अवस्था के लिए स...