नमस्कार दोस्तों, आज हम पढ़ेंगे की भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 की धारा 72 महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के बारे में एवं पूर्ण जानकारी देंगे कि यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 72 क्या कहती है और इसका क्या अभिप्राय है? साथ ही हम आपको Bhartiya Nyaay Sanhita (बीएनएस) की धारा 72 के अंतर्गत [कुछ अपराधों आदि के पीड़ित कि पहचान का खुलासा] की परिभाषा इत्यादि की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। Law Dharavahik द्वारा विवरण BNS 72 भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 72 से अभिप्राय यह है कि अगर कोई व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति की पहचान करने वाले नाम या बात को प्रकाशित या मुद्रित करता है जिसके ख़िलाफ़ धारा 63,64, 65, 66, 67 से 68 के तहत अपराध का आरोप लगाया गया है, तो उसे व्यक्ति विशेष को इस धारा 72 के तहत सज़ा हो सकती है: दो साल तक की जेल हो सकती है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर पीड़ित की मौत हो चुकी है या वह नाबालिग है या मानसिक रूप से बीमार है। तो पीड़ित के नज़दीकी रिश्तेदार या उसके लिखित आदेश द्वारा भी यह काम किया जा सकता है। ...
नमस्कार दोस्तों , आज हम पढ़ेंगे की भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 की धारा यानी (BNS Section 71) महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के बारे में एवं पूर्ण जानकारी देंगे कि यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 71 क्या कहती है और इसका क्या अभिप्राय है? साथ ही हम आपको Bhartiya Nyaay Sanhita (बीएनएस) की धारा 71 के अंतर्गत [बार बार अपराध करने वालों के लिए सजा] की परिभाषा इत्यादि की जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। Law Dharavahik द्वारा विवरण बीएनएस धारा 71 एक ऐसा प्रावधान है जिसका उद्देश्य इन धाराओं में 64, 65, 66, या 70 के तहत बार-बार गंभीर अपराध करने वाले व्यक्तियों के लिए है जिसका उद्देश्य आजीवन कारावास या मृत्युदंड सहित कठोर दंड देना है। पुस्तक द्वारा विवरण BNS Section 71 जो कोई, धारा 64 या धारा 65 या धारा 66 या धारा 70 के अधीन दंडनीय किसी अपराध के लिए पूर्व में दंडित किया गया है और तत्पश्चात् उक्त धाराओं में से किसी के अधीन दंडनीय किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराया जाता है, आजीवन कारावास से, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के ल...